रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने नई दिल्ली में भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के लिए आवश्यक विभिन्न हथियारों / प्लेटफार्मों / उपकरणों / आवश्यक प्रणालियों के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। कुल 13,700 करोड़ रुपये की लागत से तीन एओएन को मंजूरी दी गई। ये सभी AON रक्षा अधिग्रहण की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली श्रेणी में हैं अर्थात् [इंडियन-आईडीडीएम (स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित एवं निर्मित किया गया)]।
इन सभी अधिग्रहण प्रस्तावों को स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। इनमें डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित प्लेटफॉर्म और अन्य उपकरण शामिल होंगे।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने समयबद्ध रक्षा खरीद प्रक्रिया और तेजी से निर्णय लेने और पूंजी अधिग्रहण के लिए लिए गए समय को कम करने की दिशा में व्यवस्थित रूप से काम करने के लिए सरकार के आत्मनिर्भर भारत लक्ष्यों को पूरा किया है। स्वीकृत किया गया कि डी एंड डी मामलों को छोड़कर सभी पूंजी अधिग्रहण अनुबंध (प्रत्यायोजित और गैर-प्रत्यायोजित) दो साल में समाप्त कर दिए जाएंगे। रक्षा मंत्रालय सेना और सभी हितधारकों के तीन अंगों के परामर्श से इसे प्राप्त करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करेगा।